Sunday, 2 March 2014

निम्नलिखित संकलित घरेलु नुस्खे अनुभव के अधर पर शरीर को निरोग रखने हेतु कतिपयपरीक्षित घरेलु नुस्खे का उल्लेख किया जा रहा है.
  1. चर्म रोग – कम से कम महीने में एकबार २०-२२ निम् पत्ता और ककच्ची हल्दी पीसकर शरीर में मलने से चर्म रोग नही होता एवं रोग जीवाणु प्रतिरोध छमता अति है. शरीर उज्जवल और मुलायम होता है.
  2. कृमि रोग – एक चमच पीसी हुयी हल्दी और एड चमच मधु मिलाकार सुबह खली पेट खाने से कृमि रोग ठीक हो जाता है.
  3. दांत में कीड़ा – तुलसी का पत्ता चबाकर खाने से दांत में कीड़ा नही लगता एवं दांत मजबूत होता है.
  4. पेट में गैस – लहसून का टुकड़ा चबाकर १ कप ठंडा पानी में रोज सुबह खाने से लाभ होता है.
  5. त्रिफला कल्प – हरडा, बहेड़ा आउला का समभाग चूर्ण त्रिफला है. त्रिफला चूर्ण 3 ग्राम में १ ग्राम तिल का तेल तथा ६ ग्राम मधु मिलकर सुबह खली पे एवं रात को सोते समय ले, इससे पेट और धातु के समस्त रोग दूर हो जरे है. कायाकल्प के लिए उपर्युक्त प्रयोग को १ वर्ष तक निरंतर धैर्यपुर्बक करना चाहिए, इसके सेवन से उदार रोग, चर्मरोग, कास-शवाश, पुराणी कब्ज आदि का नाश होकर शक्तिशाली एवं कान्तिमान होता है.
  6. पथरी - अंगूर के साठ पत्तों पर आधा निम्बू निचोरकर पीसकर चटनी बना ले. इसे दो चमच हर दो घंटे में तिन बार खाने से पथरी से होने वाला दर्द दूर हो जाएगा.
  7. बाल गिरना, रूसी -  एक निम्बू के रश में तिन चमच चीनी, दो चमच पानी मिलकर, घोलकर बालो की जड़ी में लगाकर एक घंटे बैग अच्छे लसे सर धोने से रुसी दूर हो जाती है, बे गिर्रना बंद हो जाते है.
  8. सिर में फुंशी – खुजली,  त्वचा  सुखी  और  कठोर  हो  तो  बालो  में  दही  लगाकर दस मिनट बाद  सर धोंये. बल  सुख जाने पर सामान मात्र में निम्बू का रश और सरसों का तेल मिलकर लगाये. यह प्रयोग लम्बे समय तक करे.
  9. कमर दर्द – चौथाई कप पानी में आधा चमच लहसुन का रस और एड निम्बू का रश मिलाकर दो बार नित्य पिए से कमर दर्द में लाभदायक होता है.
  10. नेत्र ज्योतिबर्धक – एक गिलाश पानी में एक निम्बू निचोरकर प्रातः भूखे पेट हमेसा पीते रहे, नेत्र ज्योति बनी रहेगी,  इससे पेट साफ रहता है, शरीर स्वस्थ रहता है, निरोग रहने का यह प्राथमिक उपचार है.
  11. कर्ण दर्द – प्याज पीसकर उसका रस कपडे से छान ले. फिर उसे गरम करके चार बूंद कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है.
  12. दांतों में सुराख़ – कपूर को महीन पीसकर दांतों पर ऊँगली से लगावे और उसे मेल. सूराखो को भली प्रकार साफ़ कर ले. फिर सूराखो के निचे कपूर को कुछ समय तक दबाकर रखने से दांतों क दर्द निश्चित रूप से समाप्त हो जाता है.
  13. बच्चो के पेट में कीड़े – छोटे बच्चो के पेट में कीड़े हो तो सुबह एवं शाम को प्याज का रश गरम करके एक टोला  पिलाने से कीड़े मर जाते है.
  14. पेट में केचुएँ एवं कीड़े – एक बडा चमच सेम के पत्ते का रश एवं सहाद समभाग मिलकर प्रातः मध्यन्ना एवं  सायं पिने से पेट के केचुए तथा कीड़े ४-५ दिन में मर कर बहार निमल आते है.
  15. सरलतापुर्बक प्रसव के लिए -  हिंग भुनकर चूर्ण बना ले, चार माशा सुद्ध गो घृत में मिलकर खिलने से सरलतापुर्बक प्रसव होने में सहायता मिलती है.
  16. कब्ज दूर करने के लिए – एक बड़े साइज़ का निम्बू काटकर रात्रि भर ओस में इअदा रहने दे, फिर प्रातःकल एक  गिलास चीनी के शरबत में उस निम्बू को जिचोड़कर शरबत में नाम मात्र का कला नमक डालकर पिने से कब्ज निश्चित रूप से दूर हो जाता है.
  17. आग से जल जाने पर – कच्चे आलू को पीसकर रस निमल लें. फिर जले हुए स्थान पर उस रस को लगाने से आराम हो जाता है. इसके अतिरिक्त इमली की छल जलाकर उसके महीन चूर्ण को गो घृत में मिलादर जले हुए स्थान पर लगाने से आराम होता है.
  18. फोड़े – निम् की मुलायम पत्तियों को पीसकर गो घृत में उसे पकाकर (कुछ गरम रूप में) फोड़े पर हाल्डे कपडे के सहारे बंधने से भयंकर एवं पुराने असाध्य फोड़े भी ठीक हो जाते है.
  19. पेसाब में चीनी – जमे की गुठली सुखाकर महीन पिस डाले और उसे महीन कपडे से छान ले. अठन्नी भर प्रतिदिन तिन बार ताजे जल के साथ लेने से पेसाब के साथ चीनी आनी बंद हो जाती है.
  20. सर्प काटने की पहचान -  यदि सर्प के काटने की आशंका हो तो उसकी पहचान हेतु काटे हुए स्थान पर निम्बू का रस लगा दे, यदि वह स्थान काला हो जाये तो समझ ले कि सर्प ने काटा है अन्यथा समझे की सर्प ने नही काटा.
  21. सर्दी बुखार – अचानक थैंक लगने से हुए सर्दी, खांसी, बुखार में १ चमच अदरक, रस, १ चमच शिवली फुल के पत्ते का रस मिलकर रोज दो बार 3 दिन तक पीना होगा.
  22. जिभ पर घाव –  कपूर  को  जल  में  घोलदार  एस  पानी  से  जिभ  और  मुह  धोने  से  जिभ  का  घाव  ठीक  हो  जाता  है. 
  23. में खुस्की – जल के साथ कपूर घोलकर सर पर मलने से खुस्की दूर हो जाती है.
  24. बगीचे में किट नाशक – कपूर  को  चूर्ण  करके  डालने  से  कीड़े  मकोड़े  दूर  होते  है  एवं  पौधो  को  छति  नही  होती  है.
  25. सोने की चमक – जिस अलमारी में गहने रखे हो, उस अलमारी में कपूर का टुकड़ा रखने से सोने की पालिश हमेशा  रहती है.
  26. खिड़की साफ – खिड़की की कांच साफ़ करने की आदर्श बस्तु कपूर है.
  27. मोच आने पर – शरीर के किशी हिस्से में मोच आने पर १ भाग नमक, २ भाग चुना, ४ भाग हल्दी मिलकर गरम करके चोट की जगह पर २-3 दिन तक लगाये.
  28. गला बैठने पर – चिल्लाने, भाषण या गाना गाने या किसी कारन भी गला बैठने पर २ ग्राम पीसी हल्दी, १ गिलास हल्का गर्म पानी और थोड़ी सी चीनी मिलकर शरबत बनाकर पिए.
  29. चेहरे की लाली – कच्ची हल्दी एवं भिगोई हुआ मसूर दाल एक साथ पिसे, इसमें दुघ मिलाकर १ महिना तक लगाये.
  30. एलर्जी – निमपत्ता चूर्ण करके मच्ची हल्दी सुखप्र चूर्ण करके तथा आवला का चूर्ण मिलकर रोज सुबह १ चमच खाकर पानी पानी पिए, यह एलर्जी के लिए महा औषधि है.
  31. जलना – पुरानी  इमली  को अच्छी  तरह पानी में घोलदार इस   पानी  को लगाने से फुला हुआ  भी नही गिरता  तथा  घाव भी नही होता.
  32. मुहासे – दस ग्राम सफ़ेद सरसों, १० ग्राम कच्चा दूध एक साथ पीसकर मुह पर लगाकर कम से कम आधा घंटा रखे इसके बैग मुह अच्छी तरह धोवे, ऐसा दिन में एड बार १० दिन तक करे.
  33. कब्ज – एक गिलास गर्म दूध में दो चमच इसबगोल की भूसी एवं एक चमच चीनी मिलकर रत में सोने से पहले पिए, गर्म दूध की जगह गर्म पानी भी ले सकते है, इसे जरुरत पड़ने पर ही ले.
  34. धातु दुर्बलता – पचास ग्राम मटर, आधा लीटर पानी में उबाले. २५० ग्राम पानी रहने पर उत्तार कर ठंडा कर रोज सुबह नासते के बाद एड महिना तक लगातार पिए,
  35. घमौरी – तेजपत्ता पीसकर शरीर पर लगाकर आधा घंटा बाद अच्छी तरह शरीर रगड़ कर नहाने से घमौरी मर जाता है. पसीना कम होता है एवं शरीर साफ़ रहता है.
  36. अनिद्रा – पंद्रह ग्राम सुशनी साग चार कप पानी में उबाले, छान कर इसमे ५ चमच गाय का दूध मिलाकर शाम के समय रोज एक बार करके एड महिना तक पिए.
  37. पतले धातु के लिए – अल्प उत्तेजना में छारित होता है, १ सफ़ेद बताशा में १०-१२ बूंद बरगद का गोंद लेकर रोज सुबह नास्ते के बाद एड बार करके १ महिना तक खाए.
  38. अनियमित मासिक धर्म – 3 ग्राम पिसा, गरम दूध में मिलकर दिन में २ बार पिने से बंद मासिक नियमित होता है, एवं ८० ग्राम निम् छाल कूट कूटकर काटे, इसे हालदा गरम ही ५ दिन तक खाने से मासिक धर्म नियमित हो जाता है.
  39. बिच्छु के काटने पर – सुद्ध शहद के साथ लाल मिर्च पीसकर डंक वाले स्थान इअर लगाने से बिच्छु का विष उतर जाता है.
  40. अध् कपारी का दर्द – तिन रति कपूर और मलयागिरी चन्दन को गुलाबजल के साथ घिसकर (गुलाबजल का मात्रा कुछ अधिक रहे) नक् के द्वारा खींचने से अधकपारी का दर्द अवश्य समाप्त हो जाता है.
  41. बिद्युत शक लगने पर – विद्युत् के झटके से बेहोश होने पर उसके सिर, मेरुदंड पर पैर के तलवे पर तथा हथेली पर भी तुलसी के रस से मालिश करना होगा, ऐसा करने से  कुछ दे बाद व्यक्ति ठीक हो जाता है.
  42. मुह में दुर्गन्ध – खाना खाने के बाद २ - 3 पत्ते चबाना होगा.   इससे दांत में कीड़ा  नही  लगता  और  जबड़े  का  दोष  भी दूर हो जाता है.
  43. शीघ्रपतन – तुलसी का जड़ का एक टुकड़ा सुपारी के रूप में पान में रख कर चबाए.  इससे सिघ्रपतन एवं स्वपन दोष भी दूर हो जाता है.
  44. यौवन शक्ति बरक़रार – रखने के लिए प्रतिदिन २ चमच आवला का रस तथा २ कोया पिसा लसून मिलाकर २ महिना तक खाए, यह स्त्री और पुरुष दोनों के लिए उपयोगि है.
  45. पेट में गैस – १ कप ठन्डे पानी में 3-४ बूंद लहसुन का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह पिए.
  46. सरदर्द – गैस के कारण सर में दर्द होने से १-२ बूंद लहसुन का रस नक् में सूंघने से सर दर्द दूर हो जाता है.
  47. सर्दी – जब नाक से पानी गिरता हो तो १ चमच प्याज का रस, २ चमच पानी के साथ मिलाकर खाना खाने के बाद पिने से ठीक हो जाता है.
  48. उल्टी – ४-५ बूंद प्याज का रस सामान्य ठन्डे जल में मिलाकर पिने से ठीक हो जाता है.

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